पुलिस के अनुसार, सुमन गुप्ता नाम की महिला ने खुद को आनंद राठी समूह की कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव बताकर पीड़ित को Anand Rathi-vip5 नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। वहां राहुल मेहरा और सुरेश मल्होत्रा नामक लोग भारी मुनाफ़े के स्क्रीनशॉट्स दिखाकर निवेश के लिए उकसाते रहे।
जोशी नामक सेवानिवृत्त बैंकर ने लगातार झांसे में आकर 14 दिनों में अलग-अलग किश्तों में कुल 27.88 लाख रुपये AR Trade Mobi नामक फर्जी ऐप में निवेश कर दिए। एप पर दिख रहे 'मुनाफ़े' को निकालने की कोशिश पर ठगों ने टैक्स कटौती और नुकसान के बहाने बनाकर रोक दिया।
साइबर पुलिस ने आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपितों से जुड़े व्हाट्सएप नंबर और फर्जी बैंक खातों की पहचान भी कर ली गई है।
पुलिस की सलाह
- कोई भी वैध वित्तीय संस्था कभी व्यक्तिगत खातों में पैसा ट्रांसफर करने को नहीं कहेगी।
- केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
- व्हाट्सएप ग्रुप या सोशल मीडिया पर आए निवेश टिप्स पर भरोसा न करें।
- ऊंचे मुनाफ़े के दावे अक्सर धोखाधड़ी होते हैं।
- किसी ठगी का संदेह हो तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।
